क्यों लगता है कि बस पिछले दो तीन साल में ही भारत बना या बिगड़ा ।
किसी एक के भरोसे देश !
क्या कोई एक ही है देश ?
किसी एक का विरोध क्यों हो जाता देश का विरोध ?
या फिर सारी ताकत एक के ही विरोध के लिये ?
क्या वह एक इतना प्रतापी है कि आप का सारा समय , कौशल , बल ,बुध्दि ,चातुर्य ,ज्ञान ,कला उस एक के विरोध करने में असमर्थ है ?
दोनों ओर अतिरेक !!
दोनों और अतिश्योक्ति !!
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