Sunday, 13 December 2015

परिवर्तन इतना सहज और स्वाभाविक होता है कि आप और हम सब उसे स्वीकार ही नहीं कर पाते क्योंकि हम सब उतने स्वाभाविक और सहज नहीं है , न रहना चाहते हैं .
परिवर्तन को हम , आप कब स्वीकार कर पाये हैं बिना हील-हुज्जत के .

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