1 X 100 = 100 , 1 : 100
0 x 100 = 0 , ? : ?
1 + 1 = 2 , 1 : 2
0 + 1 = 1 , ? : ?
हे शुन्य से चले पथिक , रहीम जैसों से मत घबराना, वह प्यादे के वजीर बन जाने पर उसे बधाई देने की बजाये उस पर तंज कसता रहता हे.
उन्हें पुनर्मुसकोभव, श्राप का डर दिखाते रहने दो, तुम डरना मत .
वे फिर आवेंगें , अगूठा माँगने , बस तुम सावधान रहना.
वे फिर आवेंगें , कवच-कुण्डल माँगने,चक्कर में मत पड़ना
वे भय दिखा प्रीत करने को बाध्य करेंगें, बस डटे रहना.
वे भरी सभा में अपमानित कर कुलवंश आदि के ऐसे तीखे सवाल उठायेंगें ही ,तुम तिलमिलाना मत.
उनके उपहास को दिल पर मत लेना, हिम्मत मत हारना.
शून्य से चले पथिक , अब आप अकेले नहीं हो , न ही अब आप लाचार-बेचारा हो .
समय बदला तो है ही , तुम खुद भी बदल चुके हो ,
हाँ , वे अब भी नहीं बदले .
पर अब हम सब की एक आवाज बन चुके है , श्रृंखला बन चुके है.
0 x 100 = 0 , ? : ?
1 + 1 = 2 , 1 : 2
0 + 1 = 1 , ? : ?
हे शुन्य से चले पथिक , रहीम जैसों से मत घबराना, वह प्यादे के वजीर बन जाने पर उसे बधाई देने की बजाये उस पर तंज कसता रहता हे.
उन्हें पुनर्मुसकोभव, श्राप का डर दिखाते रहने दो, तुम डरना मत .
वे फिर आवेंगें , अगूठा माँगने , बस तुम सावधान रहना.
वे फिर आवेंगें , कवच-कुण्डल माँगने,चक्कर में मत पड़ना
वे भय दिखा प्रीत करने को बाध्य करेंगें, बस डटे रहना.
वे भरी सभा में अपमानित कर कुलवंश आदि के ऐसे तीखे सवाल उठायेंगें ही ,तुम तिलमिलाना मत.
उनके उपहास को दिल पर मत लेना, हिम्मत मत हारना.
शून्य से चले पथिक , अब आप अकेले नहीं हो , न ही अब आप लाचार-बेचारा हो .
समय बदला तो है ही , तुम खुद भी बदल चुके हो ,
हाँ , वे अब भी नहीं बदले .
पर अब हम सब की एक आवाज बन चुके है , श्रृंखला बन चुके है.
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