Monday, 19 October 2015

तिजा़रत शौक से करो , सियासत भी करोगे ही
मेरे कहने से भी बाज नहीं आओगे इन दोनो से.
आहें मजबूरी बचपन हसरतें यदि बचा सको तो
यह एहसान तुम्हारा ताजिन्दगी तसनीम करूँगा

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