विधि व्यक्त ( प्रकट ) स्थिर राजनैतिक दर्शन है, जिसके राजनैतिक फलाफल ही अधिक हैं और शायद वे ही अभिष्ट हैं. राजनैतिक चिन्तन में परिवर्तन के साथ इसी कारण विधि का स्वरूप , ब्याख्या और गन्तब्य बदल जाता है . विधि राजनैतिक सोच को आगे ले जाने का उत्प्रेरक वाहक है.
विधि का न्याय से कोई सीधा संबन्ध प्रतीत नहीं होता.
विधि का न्याय से कोई सीधा संबन्ध प्रतीत नहीं होता.
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