Friday, 16 October 2015



साहित्य, तू भी !
नेतागिरी , राजनीतिगिरी !!
अभी, या कभी-कभी , या पहले से ही ?
यहीं तक, कि और भी "गिरी" !
वह "गिरी" भी ? वह भी?
कूछ "गिरी" से परहेज भी या नहीं ?
वैसे पुराना ईतिहास है चारणों का
रीति कालीन भी तो साहित्यिक ही थे
महान विचारक तत्ववेत्ता चारण, भाट
और नायिका अभिसार के वे चितेरे.
क्या ही सुन्दर था उनका
सहितस्य भावः ईति साहित्यम्

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