Monday, 8 September 2014

बस सपने जानदार होने चाहिए ,
 शानदार होने चाहिए ,
 हवादार होने चाहिए ,
 पानीदार होने चाहिए ,
 खिलखिलाते - जगते होने चाहिए .
अपने होने चाहिए।

मुर्दे सपने ,
सोये सपने ,
 खोये सपने ,
 पराये सपने
क्या खाक सच होंगें ?.

सपने खाओ ,
 पीओ ,
ओढ़ो ,
बिछाओ ,
पहनो ,
जिओ ,
मरो ,
देखो ,
सपने अपने आप सांस लेने लगेंगें
,चलने लगेंगें ,
दौड़ने लगेंगे
और तुम्हारा बोझ भी उठाने लगेंगें।
 सपने एक नई हरी भरी दुनिया बसा देंगें .

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