कुछ लोग सदैव आशिर्वाद देना ही अपना अधिकार समझते हैं ,उसी मुद्रा में ही रहते , लिखते हैं , शायद स्वयं को अतिरिक्त शक्तिशाली समझते हैं.
मैं उनको पहला प्रणाम करत् हूँ.
उसके बाद प्रणाम आप सबको !!!
मैं उनको पहला प्रणाम करत् हूँ.
उसके बाद प्रणाम आप सबको !!!
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