Monday, 20 July 2015

नया कुछ भी करने , बसाने , करवाने , बनाने , बनवाने में शुरूआती परेशानियाँ तो आती ही है - स्वाभाविक ही है - हर नई यात्रा के शुरुआत में बहुत से प्रश्न होते हैं जो क्रमशः स्वयं हल होते चले जाते हैं - कुछ ही बच जाते हैं जिन्हें धैर्य ,साहस तथा विवेकपूर्ण सहनशीलता से समुचित रुप से हल किया ही जा सकता है .

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