तुम तो बड़े हो ही, रहोगे ही ; तुम्हें कोई छोटा कह , कर या बोल भी देगा तो कोइ खास फर्क नहीं पड़ेगा, तुम उसे नजरअन्दाज भी कर सकते हो - माफ कर दोगे तो और भी बड़े हो जाओगे - जन्म-जात जो बड़े ठहरे - थोड़ा बहुत उपर-नीचे, इधर-उधर भी करोगे तो शायद चल जायेगा - किसी की क्या हिम्मत जो अंगुली भी उठाये .
पर प्लीज , मुझे मेरे हाल पर छोड़ देना. मुझे छोटा कह डालोगे ( यद्यपि मैं हूँ ) तो मेरा शेष ( हो सकता है तुम्हारा भी ) जीवन ही मुश्किल हो जायेगा .
मुझे मैं जैसा हूँ, वैसा बस रहने भर दो .
अपने दम पर !!
तुम्हारी दया या तरस या भीख , रहम या करम पर नहीं
या फिर मुझे तुम्हारे बड़प्पन से ही निपटना पड़ेगा हर चौक - चौपाल - चौरस्ते - चौराहे - नुक्कड़ - मोड़ पर .
हो सका है तुम्हारा बड़प्पन खतरे में पड़ जाये.
पर प्लीज , मुझे मेरे हाल पर छोड़ देना. मुझे छोटा कह डालोगे ( यद्यपि मैं हूँ ) तो मेरा शेष ( हो सकता है तुम्हारा भी ) जीवन ही मुश्किल हो जायेगा .
मुझे मैं जैसा हूँ, वैसा बस रहने भर दो .
अपने दम पर !!
तुम्हारी दया या तरस या भीख , रहम या करम पर नहीं
या फिर मुझे तुम्हारे बड़प्पन से ही निपटना पड़ेगा हर चौक - चौपाल - चौरस्ते - चौराहे - नुक्कड़ - मोड़ पर .
हो सका है तुम्हारा बड़प्पन खतरे में पड़ जाये.
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