दवा कड़वी भी हो तो भी भली , बस कारगर होनी चाहिये .
परहित के भाव से कही कड़वी बात कहने वाले को सदैव नुकसान तथा जिसके लिये कही गई है उसे सुनने में कड़वी पर असर मे मीठी तथा फायदेमंद होती है.
शिक्षक गुरु, अभिभावक, शुभचिन्तक , डाक्टर, मन्त्री, सन्त्री , सदैव प्रिय लगने वाला ही बोले , आचरण करे उचित नहीं होता.
अधिकांश टेस्टी चीजें नुकसान देह होती हैं.
स्वार्थी कड़ुवा बोलने से यत्न पूर्वक बचते हैं .
परहित के भाव से कही कड़वी बात कहने वाले को सदैव नुकसान तथा जिसके लिये कही गई है उसे सुनने में कड़वी पर असर मे मीठी तथा फायदेमंद होती है.
शिक्षक गुरु, अभिभावक, शुभचिन्तक , डाक्टर, मन्त्री, सन्त्री , सदैव प्रिय लगने वाला ही बोले , आचरण करे उचित नहीं होता.
अधिकांश टेस्टी चीजें नुकसान देह होती हैं.
स्वार्थी कड़ुवा बोलने से यत्न पूर्वक बचते हैं .