Wednesday, 3 September 2014

सफलता एक गुप्त रास्ते से गुजरती है .उस गुप्त रास्ते का पता कोई नहीं बताता .उस रास्ते के अनुभव भी कोई नहीं बताता .सार्वजनिक रूप से तो कत्तई नहीं .इस रास्ते का इल्म कुछ खास लोग अपने ही पास सुरक्षित रखते हैं ,केवल अपनों को ही जाहिर करते हैं .शायद इस रास्ते से गुजरने के लिये किसी अन्य प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है जिसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार  करना सम्भव नहीं होता , और एक बार सफल हो गये तो कौन पूछता है की किस रास्ते से यहाँ तक आये हो ,
सफल हुआ , जीत गया ही सत्य है , बाकी सब झूठ . जो जीता वही सत्य , वही जय का अधिकारी . नहीं जीता -वह असत्य .

No comments:

Post a Comment