एक बार मैंने अच्छे खासे लोक पद पर रहते हुए एक सार्वजनिक शैक्षणिक सभा में कह दिया की मैं चाहता हूँ कि आप सभी मुझे अच्छे अधिकारी ,पदधारी के रूप में नहीं वरन अच्छे योग्य इंसान के रूप में याद रखें। मुझे याद है , उपस्थित महानुभावों ने इस बात पर मन ही मन मेरा उपहास सा उदय था , यह बात उन्हें पची नहीं -आज तक समझ में नहीं आया की मैंने क्या गलत कह दिया और क्या इस प्रकार की इच्छा रखना अनुचित था या है।
क्या अपनी योग्यता पर भरोसा रखना गलत है।
क्या अपनी योग्यता पर भरोसा रखना गलत है।
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