Friday, 18 July 2014

एक बार मैंने अच्छे खासे लोक पद पर रहते हुए एक सार्वजनिक शैक्षणिक सभा में कह दिया की मैं चाहता हूँ कि आप सभी मुझे अच्छे अधिकारी ,पदधारी के रूप में नहीं वरन अच्छे योग्य इंसान के रूप में याद रखें।  मुझे याद है , उपस्थित महानुभावों ने इस बात पर मन ही मन मेरा उपहास सा उदय था , यह बात उन्हें पची नहीं -आज तक समझ में नहीं आया की मैंने क्या गलत कह दिया और क्या इस प्रकार की इच्छा रखना अनुचित था या है।
क्या अपनी योग्यता पर भरोसा रखना गलत है।

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