Saturday, 26 July 2014

हमारे चारों ओर बहुत कुछ अच्छा है , आइये उसकी भी चर्चा करें।
हम चल रहे हैं , आगे भी चलेंगें , आइये उसकी भी चर्चा करें।
हम उस देश के वासी हैं जहां क्रांति निरंतर चलती रहती है।
क्रांति हमारे यहाँ विष्फोट नहीं दिनचर्या है।
क्रांति मरे यहाँ निरंतरता है , आकस्मिकता नहीं।
हम स्थापित करते जाते हैं और क्रांति स्वतः होती जाती है।
हमारे यहां क्रांति विध्वंस से नहीं ,निर्माण ,स्थापना से होती है।
क्रांति हमारी प्रकृति में हैं , हम यथा स्थितिवादी नहीं , निरंतर क्रांतिवादी है , नित-नूतनता -वादी हैं। 

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