किसे पता होता है कि उसके माता पिता कौन है। यह तो जन्म के बाद कोई बता देता है , स्वीकार कर लेता है , समझा देता है कि मैं या वह तुम्हारे माता पिता है। और जन्म ले चुके को इस सुनी सुनाई बात पर विश्वास करने के सिवा कोई रास्ता भी तो नहीं।
यदि कर्ण या कि मैं (मेरे ) जन्म के बाद कोई आगे आकर स्वयं को मेरा माता-पिता स्वीकार नहीं करता तो इसमें कर्ण या कि मेरा कितना दोष !
पर सवाल कर्ण से या कि मेरे से ?
आखिर क्यों ?
आप मेरे से यह प्रश्न पूछना कब बंद करेंगे। कर्ण तो आपके प्रश्नों के अन्याय को झेलते झेलते इतिहास हो गये।
यदि कर्ण या कि मैं (मेरे ) जन्म के बाद कोई आगे आकर स्वयं को मेरा माता-पिता स्वीकार नहीं करता तो इसमें कर्ण या कि मेरा कितना दोष !
पर सवाल कर्ण से या कि मेरे से ?
आखिर क्यों ?
आप मेरे से यह प्रश्न पूछना कब बंद करेंगे। कर्ण तो आपके प्रश्नों के अन्याय को झेलते झेलते इतिहास हो गये।
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