Thursday, 14 March 2019

स्वीडन की एक न्यूज़ पत्रिका के अनुसार,
F-16 के जमीदोज होते ही अमेरिका को पता चल गया था।

भारत पर इसके इस्तेमाल से अमरीका गुस्से में था पर
उस समय पाक को भारत के गुस्से से बचाना भी जरूरी था।
क्योंकिं
अभिनंदन के पाक कब्जे में जाते ही
भारत बड़ी कारवाई के लिए
ब्रम्होस मिसाइलों का मुँह पाकिस्तान की ओर मोड दिया था।

योजनानुसार  पाकिस्तान एयर फोर्स को रात में ही तहस नहस कर दिया जाना था।
जिसकी भनक अमेरिका को लग गई थी।
अमेरिका ने तुरन्त पाकिस्तान को चेतावनी दे दिया कि
कब्जे में रखे भारत के पायलट को कोई नुक्सान नहीं होना चाहिए,
नहीं तो
भारत को रोकना नामुमकिन होगा
और चेताया कि
युद्घ की स्थिति में वो F16 के इंजन को लाक कर देगा।

भारत की सम्भावित कठोर कार्यवाई से घबराए
खुद बाजवा ने UAE से बात की।
उधर अमेरिका ने
अरब और रूस से बात की,
अरब ने भारत से एक रात रुकने की सलाह दी।
अरब ने दोपहर में ही
pmo नयी दिल्ली से सम्पर्क साध लिया था।
पाक को भी उसका भविष्य अपने तरीक़े से समझा दिया था।

रूस और अमेरिका ने भी
पाक को समझा दिया कि
कल सुबह तक हर हाल में इंडियन पायलट को
बिना शर्त छोड़ने की घोषणा करे।
पाक ने
चीन से भारत के आसमां पर निगरानी कर रहे
उपग्रह से डायरेक्ट लिंक मांगा
जिसे चीन ने भी मना कर दिया।

अन्त में पाक ने तुर्की से मदद माँगी ,
तुर्की ने तुरन्त मना कर दिया
और पायलट को छोडने को कहा।

उधर
मसूद अजहर के मरने की खबर भी
भारत और विश्व के देशों में चर्चा का बिषय बना हुआ है।
 तो अब असंभव भी संभव है।

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