जगत में जितने भी प्राणी हैं उनके लिए विधि ने दो बातों का प्रबन्ध अवश्य किया है।
पहली है भोजन की व्यवस्था एवं दूसरा अपना बचाव, आत्मरक्षा।
सीधी सी लगने वाली गाय भी सामने के आक्रमण से सींगों द्वारा अपना बचाव करती है और पीछे से होने वाले आक्रमण का लात मार कर।
पहली है भोजन की व्यवस्था एवं दूसरा अपना बचाव, आत्मरक्षा।
सीधी सी लगने वाली गाय भी सामने के आक्रमण से सींगों द्वारा अपना बचाव करती है और पीछे से होने वाले आक्रमण का लात मार कर।
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