Baba साहेब, राम मनोहर लोहिया, Some कम्युनिस्ट विचार ( सारे नहीं ), एडम स्मिथ के प्रति घृणा, Austin , Salmond से असहमति मेरे दिमाग मे तब भी थी जब मेरे पास न संगति थी, न साधन, न घर, न मकान, न रोटी, न कपड़ा।
बड़ा विभत्स लड़ाका था। मैं जानता था मैं शायद मारा जाऊँ।मुझे अपने जीवन की आशा लगभग नहीं थी। साधन नहीं थे। मैं शायद अंतिम रूप से सन्नद्ध हो लड़ने उतर जाता। परीक्षाओं में बहुत लंबे लम्वे थीसिस टाइप उत्तर लिख डालता। खूब डांट खाता।मजाक उड़ाया जाता। पहनने को कपड़े नहीं, पेट में दाना नहीं, सिर पर छत नहीं, पर बात बड़ी बड़ी, जबान लड़ाता, जिद्दी अव्वल, स्पीड सामान्य से चार गुना, वॉल्यूम भी चार गुना, आउटपुट का। इनपुट निल। न जाने मेरे अंदर वो कैसी आग थी, कहाँ से आती थी- पर थी।
बड़ा विभत्स लड़ाका था। मैं जानता था मैं शायद मारा जाऊँ।मुझे अपने जीवन की आशा लगभग नहीं थी। साधन नहीं थे। मैं शायद अंतिम रूप से सन्नद्ध हो लड़ने उतर जाता। परीक्षाओं में बहुत लंबे लम्वे थीसिस टाइप उत्तर लिख डालता। खूब डांट खाता।मजाक उड़ाया जाता। पहनने को कपड़े नहीं, पेट में दाना नहीं, सिर पर छत नहीं, पर बात बड़ी बड़ी, जबान लड़ाता, जिद्दी अव्वल, स्पीड सामान्य से चार गुना, वॉल्यूम भी चार गुना, आउटपुट का। इनपुट निल। न जाने मेरे अंदर वो कैसी आग थी, कहाँ से आती थी- पर थी।
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