Saturday, 23 March 2019




सारे विपक्ष को जेल में डाल, प्रेस पर सेंसरशिप लगा, जर्नलिस्ट तक को जेल, जजों का वरीयता क्रम पद-दलन कर संविधान में परिवर्तन किसने किया ?
Even if you hear a bad story about me, understand there was a time I was good to those people too, but they won't tell you that....
ब्याज और स्वार्थ 24x7
के दुश्मन
(दीमक की तरह, लगातार बिना रुके, दिनरात)
 मितब्ययिता एवं मित्रभाव
कभी न त्यागें।
खाने, त्योंहार, कारज-परोजन, शादी, श्राद्ध के लिये कर्ज न लें, न दें।

Friday, 15 March 2019

हर हाल में तू ही है।
गुरु चरणन की धूल ही दे दो,
माथे से लगा,
तर हो जाऊँगा,
तर जाऊँगा !!
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जगत में जितने भी प्राणी हैं उनके लिए विधि ने दो बातों का प्रबन्ध अवश्य किया है।
पहली है भोजन की व्यवस्था एवं दूसरा अपना बचाव, आत्मरक्षा।
सीधी सी लगने वाली गाय भी सामने के आक्रमण से सींगों द्वारा अपना बचाव करती है और पीछे से होने वाले आक्रमण का लात मार कर।
जगत में जितने भी प्राणी हैं उनके लिए विधि ने दो बातों का प्रबन्ध अवश्य किया है।
पहली है भोजन की व्यवस्था एवं दूसरा अपना बचाव, आत्मरक्षा।
सीधी सी लगने वाली गाय भी सामने के आक्रमण से सींगों द्वारा अपना बचाव करती है और पीछे से होने वाले आक्रमण का लात मार कर।
संकोच तोड़ना होगा।
क्या सोचेगा, यह छोड़ना होगा।
थोड़ा थोड़ा बेशर्म हो बंटना , बाँटना होगा।
सीखने, सिखाने का यही सिलसिला पुराना है।
अर्जुन कृष्ण से मित्र भाव बढ़ाये, दोनों ने परस्पर यह बढ़ाया, दोनो एक दूसरे को समझते गये, एक दूसरे से बंटते, बाँटते गये।अंत मे श्री कृष्ण अर्जुन के जिद्द के सामने झुक गये, श्री कृष्ण ने उसे अपना असली स्वरूप दिखा डाला। उसके पहले यो दोनों एक दूसरे से डरे हुए थे।
बस यही रास्ता है।
गुरु! तुम इतना प्रेम क्यों करते हो मुझसे।
में चल रहा था, तपती रेत पर इस तरह, डर डर के चल रहा।
मैं समझता रहा, मैं चल रहा! पर तपत नहीं,समझ न सका ?
मुझे क्या था पता? चला तो गुरु ही था, मैं तो गोद में था 🙏
अनुभवों की लंबी सी यात्रा के बाद
कुछ सुगन्ध, कुछ व्रण दुर्गंध लिये,
कुछ वाणी वाण दग्ध, कुछ बन्ध लिये।
*एक फिसलन भरे बड़े से पहाड़ की*
*चोटी से उतरता हुआ मैं*
*किसे क्या-क्या, कब-कब,*
*कहाँ-कहाँ, कितना-कितना*
*दिये जाना है, देते जाना है*
*बस इसी एक सोच से*
*थके कदमों में भी*
*बिजली दौड़ जाती है*
*थक कर चूर मैं*,
*फिर एक बार तेजी से कदम* *बढ़ाता चला जाता*,
*उसी फिसलन वाले पहाड़ पर ही*
*एक और नए शिखर की ओर*।
सब यार फिर जींदगी कि मझधार में मिले,

साथ साथ लँगोटी वाले,
सूट टाई पैंट में मिले।

जो जाते थे साईकिल में,
वो सारे कार में मिले,

वह बचपन फिर खिल उठा,
जब काॅम्प्लान पीने वाले भी
 बार में मिले....
🥃🌺🥃🌺🥃🌺🥃
😋🥃😋🥃😋🥃😋
Bettet to know the art of looking
देखो, दाखो तको मत
ध्यान यह रहे क्या , कितनी देर , कैसे देखना है।
दर्शन करना, झलक देखना, निहारना, घूरना, ताकना, देख पलकें नीचे करना, पलक नीचे ही रख देखना, अनदेखा करना, नजरअंदाज करना, नजर गड़ाना, नजर पे चढ़ाना, नजर लगाना, आँख दिखाना, नीचा दिखाना, नीचा देखना...

Thursday, 14 March 2019

मैंने दिन भर में कुछ देर के लिये बच्चों को फुटबाल खेलते देखा। कुछएक कभी कभार क्रिकेट खेलते भी अब दिख जाते है। गाँवों में ही अब ग्रामीण खेलों के प्रति चाव, आकर्षण लगभग खत्म हुआ चाहता है। बच्चों एवं किशोरों में।
स्वीडन की एक न्यूज़ पत्रिका के अनुसार,
F-16 के जमीदोज होते ही अमेरिका को पता चल गया था।

भारत पर इसके इस्तेमाल से अमरीका गुस्से में था पर
उस समय पाक को भारत के गुस्से से बचाना भी जरूरी था।
क्योंकिं
अभिनंदन के पाक कब्जे में जाते ही
भारत बड़ी कारवाई के लिए
ब्रम्होस मिसाइलों का मुँह पाकिस्तान की ओर मोड दिया था।

योजनानुसार  पाकिस्तान एयर फोर्स को रात में ही तहस नहस कर दिया जाना था।
जिसकी भनक अमेरिका को लग गई थी।
अमेरिका ने तुरन्त पाकिस्तान को चेतावनी दे दिया कि
कब्जे में रखे भारत के पायलट को कोई नुक्सान नहीं होना चाहिए,
नहीं तो
भारत को रोकना नामुमकिन होगा
और चेताया कि
युद्घ की स्थिति में वो F16 के इंजन को लाक कर देगा।

भारत की सम्भावित कठोर कार्यवाई से घबराए
खुद बाजवा ने UAE से बात की।
उधर अमेरिका ने
अरब और रूस से बात की,
अरब ने भारत से एक रात रुकने की सलाह दी।
अरब ने दोपहर में ही
pmo नयी दिल्ली से सम्पर्क साध लिया था।
पाक को भी उसका भविष्य अपने तरीक़े से समझा दिया था।

रूस और अमेरिका ने भी
पाक को समझा दिया कि
कल सुबह तक हर हाल में इंडियन पायलट को
बिना शर्त छोड़ने की घोषणा करे।
पाक ने
चीन से भारत के आसमां पर निगरानी कर रहे
उपग्रह से डायरेक्ट लिंक मांगा
जिसे चीन ने भी मना कर दिया।

अन्त में पाक ने तुर्की से मदद माँगी ,
तुर्की ने तुरन्त मना कर दिया
और पायलट को छोडने को कहा।

उधर
मसूद अजहर के मरने की खबर भी
भारत और विश्व के देशों में चर्चा का बिषय बना हुआ है।
 तो अब असंभव भी संभव है।
Photosynthesis is the process plants use to convert sunlight into energy. Oxygen is produced as by-product of photosynthesis when the water absorbed by plants is 'split'.It is one of the most important reactions on the planet because it is the source of nearly all of the world's oxygen.
  • अपने रास्ते चल अपने कर्म का फल प्राप्त करें या फिर चारण-आचरण कर कृपा की भीख मांग इंतजार करें, शायद आपका उपयोग कर लेने के बाद कोई आपको फेंकें नहीँ , शो केश में सजा नहीं डाले। पर वे जिनकी आपने चरण वंदना की वे आपको पहली पीढ़ी के प्रयास में वन्दनीय तो नहीं ही होने देंगे।
कभी कभी पूजा करने से अप्रत्याशित भी मिल जाता है, लाटरी खुलने की प्रतीक्षा कर सकते है।
🤔 Tendency of abusing Judges or harassing Judges : In every court, whether big or small, there is always a small and close group of senior lawyers who consider themselves "Superior".

They also consider themselves "Special" - when they appear in any case, the judge must give them desired and special relief. They expect judges to grant them special favours.

If some judge considers them "equal", such lawyers have problems.

I have seen them in District Court. And in High Court. And in Supreme Court also.

They have  two standard formulas for arguing cases. 1) When they have no case, they abuse advocates appearing against them. And if they lose a case, 2) As soon as they come out from court, they start abusing judges.

In one very famous case, late Justice Kuldeep Singh, laid down a law that, in such events, under contempt law, the court can debar the lawyer from appearing in any courts for six months or more.

But there has been always a problem. Because such lawyers have a small group who immediately comes in to support the erring lawyer and they began to create a number of problems for the judge.

Judges, therefore, so far as possible, avoid friction with such groups.

Strong Bar and Strong Judges, both are necessary for good administration of Justice and Rule of Law

Wednesday, 13 March 2019

Advocate sticks to client's interest.
He is paid for that.
Advocates institution stands for individual rights.
An advocate is trained not to fear King's scepter nor the sword even for the last person.
A judge is for justice, Just Stick..
Something that helps the society to stand right, straight, upwards.
A judge stands with the individual securing his proportionate happiest possible place in the society as per the wisdom of society and will of people synchronized with that of king.
Advocate sticks to client's interest.
He is paid for that.
Advocates institution stands for individual rights.
An advocate is trained not to fear King's scepter nor the sword even for the last person.
A judge is for justice, Just Stick..
Something that helps the society to stand right, straight, upwards.
A judge stands with the individual securing his proportionate happiest possible place in the society as per the wisdom of society and will of people synchronized with that of king.
I worked that way when I was 13,14, 15, 16 year old.
After 2 hours service at the shop got some old.. books to read at the shop
I worked that way when I was 13,14, 15, 16 year old.
After 2 hours service at the shop got some old.. books to read at the shop
Now going to leave after I have lived..
पर मेरा कर्तब्य है, धर्म है - अपना खट्टा-मीठा, उल्टा-पुल्टा, उचित-अनुचित, नैतिक-अनैतिक चला हुआ नई पीढ़ी को सांगोंपांग बताता जाऊँ, बिना किसी भय, संकोच, कंजूसी के।
Baba साहेब, राम मनोहर लोहिया, Some कम्युनिस्ट विचार ( सारे नहीं ), एडम स्मिथ के प्रति घृणा, Austin , Salmond से असहमति मेरे दिमाग मे तब भी थी जब मेरे पास न संगति थी, न साधन, न घर, न मकान, न रोटी, न कपड़ा।
बड़ा विभत्स लड़ाका था। मैं जानता था मैं शायद मारा जाऊँ।मुझे अपने जीवन की आशा लगभग नहीं थी। साधन नहीं थे। मैं शायद अंतिम रूप से सन्नद्ध हो लड़ने उतर जाता। परीक्षाओं में बहुत लंबे लम्वे थीसिस टाइप उत्तर लिख डालता। खूब डांट खाता।मजाक उड़ाया जाता। पहनने को कपड़े नहीं, पेट में दाना नहीं, सिर पर छत नहीं, पर बात बड़ी बड़ी, जबान लड़ाता, जिद्दी अव्वल, स्पीड सामान्य से चार गुना, वॉल्यूम भी चार गुना, आउटपुट का। इनपुट निल। न जाने मेरे अंदर वो कैसी आग थी, कहाँ से आती थी- पर थी।

Wednesday, 6 March 2019

मेरी चुनड़ी में तुम टांक दो सितारे सारी दुनिया के,
कि मुझे, तुम, तुम्हारा साथ, तुम्हारी दुआ, तम्हारा नूर चाहिये।
*लेता-देता, आता-जाता, बाँटता-बंटता , साथ देता, साथ खोजता, साथ-साथ हंसता-रोता, हाथ से हाथ जुटा हुआ ही परिवार।*

  1. मैनें नियम, मर्यादा, नीति तोड़ी, मोड़ी, झुकाई, उल्लंघन की है,

तुमसे मिलने के लिये, तुम्हें समरूप एहसास दिलाने के लिये, तुम्हारे झिझक को तोड़ने के लिये, तुम्हें उकसाने के लिये, आखिरी धार बना डालने के लिये
*खुद को गिरा कर तुम्हें उठाने के लिये*
मुझे बताओ, चर्चा करो, पीछा करो, आलोचना करो, हराओ, निंदा करो, गरियाओ,
मुझे नजरअंदाज नहीं कर सकोगे, मुझसे घृणा नहीं कर सकोगे,
मुझसे ईर्ष्या नहीं  प्रतियोगिता करो।

Monday, 4 March 2019

देहरादून की एक छात्रा पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को डिस्लेक्सिया पीड़ितों बच्चों (Dyslexia Children) के लिए एक प्रोग्राम के बारे में बता रही थीं।
ये वो बच्चे होते हैं, जो पढ़ने-लिखने में परेशानी महसूस करते हैं।
छात्रा बता रही थीं कि उनका प्रोग्राम ऐसे बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
लेकिन प्रधानमंत्री ने छात्रा को बीच में ही रोकते हुए पूछा, 'क्या यह प्रोग्राम 40-50 साल के बच्चों के लिए भी फायदेमंद होगा?'. पीएम मोदी के इतना कहते ही वहां मौजूद सभी छात्र जोर से हंसने लगने लग जाते हैं। बाद में वह छात्रा भी हां में जवाब देती हैं। लेकिन पीएम मोदी यही नहीं रुकते वे आगे कहते हैं, ' ऐसे बच्चों की मां तो बहुत खुश हो जाएंगी।' जिसके बाद छात्रा फिर से हंसने लगते हैं।

Sunday, 3 March 2019

*एक सेकेंड से भी कम की क्रिया-प्रतिक्रिया वह प्रभाव, दबाव पैदा कर सकती है जो बहुत लम्बी क्रियाओं -प्रतिक्रियाओं से भी असम्भव है।*
*बस केलीब्रेसन और इंटेंसिटी की परफेक्टनेस और वेलोसिटी ही माईने रखती है।*
*युगों की ऊर्जा क्षण भर में*
*सृजित भी उत्सर्जित भी, खंडन भी, संयोजन भी, पलक झपकते*
*एक सेकेंड से भी कम की क्रिया-प्रतिक्रिया वह प्रभाव, दबाव पैदा कर सकती है जो बहुत लम्बी क्रियाओं -प्रतिक्रियाओं से भी असम्भव है।*
*बस केलीब्रेसन और इंटेंसिटी की परफेक्टनेस और वेलोसिटी ही माईने रखती है।*
*युगों की ऊर्जा क्षण भर में*
*सृजित भी उत्सर्जित भी, खंडन भी, संयोजन भी, पलक झपकते*
But when hostilities actually  commence, we must immediately recognise that we must be “patriotic at heart, and must not sabotage or act against our own side, we must support the war, should fight in it if possible”.
The  government  in power on the day date and time must be assured of my loyalty, whether I be left or right.

*Politics Next : Nation First*

  • Ramesh Rateria

Public
Feb 14, 2019
एक साधारण औकात के ब्यवसायिक परिवार एक इंजीनियरिंग पढ़ रहे युवक को कहते है -आओ आओ मिस्त्री जी।
पाइलट को कहते है - कैसे चल रहा है ड्राइवर साहब ?

एक वकील को दस रुपये का एक नोट फहरा कर बोलते है - नाच मेरी बुलबुल कि पैसा मिलेगा -वकील की औकात

एक सैनिक, सेना के कमीशन्ड अधिकारी तक को बोलते है - मेरे लिये मरने को तैयार हो जावो न , दो करोड़ तो हम ही दे देंगे।

सरकारी अधिकारियों को कहते है  कुत्ता

सिनेमा कर्मी को बोलते है -सब कुछ बिकता है।

नेता को बोलते है - सब को सब समय सभी रूपों में सुलभ

पढ़े लिखे लोंगों को बोलते है - नौकरों की जमात
किसान मजदूर, पल्लेदार, सफाईकर्मी को बताते है - आलसी और देते गाली
सिगरेट, पानमसाला, जर्दा, फाईब स्टार, कैसिनो, डांसबार, चाट-पकौड़े-गोलगप्पा स्टाल --
क्या यही है दुनिया
Ramesh Rateria
Public
Feb 14, 2019
एक साधारण औकात के ब्यवसायिक परिवार एक इंजीनियरिंग पढ़ रहे युवक को कहते है -आओ आओ मिस्त्री जी।
पाइलट को कहते है - कैसे चल रहा है ड्राइवर साहब ?

एक वकील को दस रुपये का एक नोट फहरा कर बोलते है - नाच मेरी बुलबुल कि पैसा मिलेगा -वकील की औकात

एक सैनिक, सेना के कमीशन्ड अधिकारी तक को बोलते है - मेरे लिये मरने को तैयार हो जावो न , दो करोड़ तो हम ही दे देंगे।

सरकारी अधिकारियों को कहते है  कुत्ता

सिनेमा कर्मी को बोलते है -सब कुछ बिकता है।

नेता को बोलते है - सब को सब समय सभी रूपों में सुलभ

पढ़े लिखे लोंगों को बोलते है - नौकरों की जमात
किसान मजदूर, पल्लेदार, सफाईकर्मी को बताते है - आलसी और देते गाली
सिगरेट, पानमसाला, जर्दा, फाईब स्टार, कैसिनो, डांसबार, चाट-पकौड़े-गोलगप्पा स्टाल --
क्या यही है दुनिया
मोदी को मोदी , मोदी विरोधियों ने मोदी का अंधा विरोध कर, बना दिया।
अब ये सब मोदी को श्रेष्ठ मोदी, सर्वोच्च मोदी बनाने को तुले हैं।
गैरानुपातिक असभ्य घृणास्पद विरोध आपके विरोधी को ताकत देता है ।

Saturday, 2 March 2019

बधाई भारत के वर्तमान पोलिटिकल थिंक टैंक को जिसने F16 के सेल एग्रीमेंट के एक क्लॉज का हवाला दे पाकिस्तान की सारी हेकड़ी निकाल दी। पाकिस्तान पहले भी भीख में मिले तमाम साधनों का उपयोग भारत के खिलाफ करता था। इस बार भी इसने ऐसा ही किया पर हमारे तीक्ष्ण राजनैतिक विश्लेषक थिंक टैंक ने अमेरिका-पाक के एग्रीमेंट के तह में जाकर इसे अमेरिका के संज्ञान में लाया।मोदी की वैश्विक छवि के अंतरराष्ट्रीय दबदबे के कारण अमेरिका भारत की बात के महत्व देने को विवश हुआ।