Thursday, 14 February 2019

लगभग 30 साल पुरानी बात है। एक बृद्ध नाम जी अपने 13 वर्षीय नाती को ले मेरे काम करने की जगह आ गए। कहने लगे यह जब से आया है इसका हमारे पास मन ही नहीं लग रहा। जाने जाने को कह रहा है। कृपया आप इसका मन लगाएं।
मैंने उन वृद्ध सज्जन को कहा कि आप कैसी बात कर रहे है।
वह बालक बोल उठा, आप नानाजी को क्यों बोल रहे है, नानाजी ने बस आपके बारे में बताया भर है, मैं आया तो अपने मन से हूँ।
में बालक का आत्मविश्वास देख दंग रह गया। पता चला बोकारो  DPS का क्लास 8 का विद्यार्थी है।
मैंने पूछा - मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दोगे।
बालक बोलता है - पूछिये, में जानता हूँ आप अवश्य कुछ पूछेंगे मुझे जानने पहचानने के लिये।
मैंने पूछा - किन्ही चार लोगों का नाम लो जिनके मुँह से आप अपना नाम सुनना पसंद करोगे।
उसने तड़ाक से जबाब दिया -
गाँव मे मेरी दादी है-अब बहुत दिन नहीं जियेगी उसके मुँह से, मेरे भैया की एक बेटी है, अभी बहुत छोटी है, बोलना शुरू नहीं कि है ,उसके मुँह से, अपने क्लास टीचर प्रिंसिपल के मुँह से, और टी वी के न्यूज एनाउंसर के मुँह से।

उसका जबाब मुझे आज भी ज्यों का त्यों याद है। चमत्कृत करता है

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