शराब की दुकानें बिना खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के लाइसेंस से चल रही हैं। कभी भी जांच के लिए शराब का सैंपल नहीं भरा गया। साथ ही शराब दुकानदार शराब खरीदने पर उसकी रसीद भी नहीं देते है। अगर कोई उपभोक्ता उनसे रसीद मांगता भी है तो उसको रसीद नहीं दी जाती है। सभी शराब की दुकानदार यह ‘खेल’ करते है। जिसके चलते शराब पीने वालों को मजबूरी में बिना रसीद के ही शराब खरीदनी पड़ती है
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