Judicial discussion by R . K . Rateria
Sunday, 24 February 2019
हाँ, गलतियाँ तो मुझी से हुई थी न !,
बहुत बड़े सपने देखे, बिना औकात के।
स्टीयरिंग पे पकड़ तो हमारी ही ढीली पड़ी थी,
खामखाह तोहमत आप पे लगा रहा हूँ।
महान बनने के जुनून में मैनें ही नजर अंदाज किया,
इंसान के लोभ, अहंकार, क्रोध, काम के उफान को।
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