पाप हमने भी किये, बस स्वीकारे नहीं,
सकारे नहीं
जब तक किसी ने नहीं पकड़ा था
थे हम भी महापुरुषों में शुमार।
अंगुली जो उठी
तो अब हम अपने
मौन रहने का अधिकार भोग रहे।
सकारे नहीं
जब तक किसी ने नहीं पकड़ा था
थे हम भी महापुरुषों में शुमार।
अंगुली जो उठी
तो अब हम अपने
मौन रहने का अधिकार भोग रहे।
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