Wednesday, 8 February 2017


पढ़ना ,सीखना फिर भी सरल है ।
पढ़ाना , सिखाना बहुत कठिन ।
पढ़ाने ,सिखाने के लिए पहले खुद अच्छे से पढ़ना ,सीखना पड़ता है फिर पढ़ाना ,सिखाना भी अलग से सीखना पड़ता है ।
पढ़ाना ,सिखाना एक कर्तब्य है ,धर्म है , दायित्व है कला है ,विज्ञानं है ,अभ्यास है , भार है ।

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