Wednesday, 23 September 2015

ऐ मेरे नन्हे दीये, बस तुम यूँ ही रौशन रहना
मैं जरा उपर जा, बस एक बार देख भर लूँ
फिर ईतमिनान से सो ही जाऊँगा.हाँ सो --
तुम्हारी चहचहाती रौशनी में वहाँ भी जी ----

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