Wednesday, 23 September 2015

दिल्ली हवाई अड्डे की चमचमाती फर्श, 
जिसे हर रोज मेरे पापा पसीने से साफ करते हैं
उस पर सू सू करता वह अंग्रेजी गिटपिटाता लाडला
कल अरसे बाद मेरे गाँव आया था, जूम लैन्स वाला कैमरा लिये
हेेन्ड पम्प पर बरतन माँजती मेरी बहन को नोट दीखा रहा था
उसे अपने ड्राईंग रूम ( )में सजाने ( ) के लिये जिन्दगी की जिन्दा फोटो ( )चाहिये थी्

No comments:

Post a Comment