मेघदूतम्,कुमारसंभवम्, सोलितरी रीपर या फिल्मी प्रणय-गीत
हुस्न, हसीन, हसीना, चाँद, शमा,परवाना, ये सब जायेंगें बीत।
भ्रम या स्वप्न नहीं, न कल्पना -कामना से होती है कभी जीत
व्रण व्रत करें धारण,प्रण करें, बन सकें तो बने प्रण-प्रयाण-मीत।
...
पर्व श्रृंगार के फिर आयेंगैं ,बसंत-बहार-सावन नहीं भाग जायेंगै
महोत्सव निर्माण -महाप्रयाण के, आ गये हैं तो भाग जाग जायेंगें।
रच डालो गीत विध्वंस के ,नई रचना के लिये रचो नया संगीत
नूतन को दे देना है नूतन, प्रणय के शब्दों से ही रचो प्रयाण गीत
हुस्न, हसीन, हसीना, चाँद, शमा,परवाना, ये सब जायेंगें बीत।
भ्रम या स्वप्न नहीं, न कल्पना -कामना से होती है कभी जीत
व्रण व्रत करें धारण,प्रण करें, बन सकें तो बने प्रण-प्रयाण-मीत।
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पर्व श्रृंगार के फिर आयेंगैं ,बसंत-बहार-सावन नहीं भाग जायेंगै
महोत्सव निर्माण -महाप्रयाण के, आ गये हैं तो भाग जाग जायेंगें।
रच डालो गीत विध्वंस के ,नई रचना के लिये रचो नया संगीत
नूतन को दे देना है नूतन, प्रणय के शब्दों से ही रचो प्रयाण गीत
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