"मट्टी-बीज़,
धूप-पानी, निराई-गोड़ाई, मिहनत-देखभाल, हरियाली और सुरक्षा सभी कुछ जब
सामान्य है तो अन्तिम फूल-फल की क्या चिन्ता, --- बस निश्चिंत रहना है-
प्रकृति को अपना काम करने दो, समयानुसार फूल भी होगा और फल भी- होगा ही,
होना ही है- इसमें संशय कैसा,
केवल राजसिंहासन ही अपवाद है, शेष सब कुछ सामान्य होगा ही।
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