आपकी
गतिविधियों को देखकर यह समझने की योग्यता अनायास ही आने लगती है कि करने
के लिये केवल उत्साह चाहिये और पहला कदम चलने का साहस, शेष सब कुछ आ ही
जाता है, साधन, सलीका, विषय, लक्ष्य, योग्यता-- केवल धैर्य पूर्वक कदम
बढ़ाने की जरूरत हाती है,वातावरण या स्थान बाधा नहीं बना करत
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