Monday, 6 August 2018

कुल जमा पाँच हजार घरों के बीच ही उगता, बढ़ता, बंटता, जँचता रहता है इस 132 करोड़ लोगों के देश का यश, श्रेय, पूण्य, आशीर्वाद,विकास, भब्यता, विस्तार,वैभव, प्रेरणा, बल, वीर्य, शिक्षा, पूजन, नाम ,धाम, काम, आवेग, अंतर्ज्ञान, संयम, दूरदृष्टि , ज्ञान , उपदेश, धन , धान्य, जमीन , जायदाद, पद, प्रतिष्ठा, खेल, खिलाड़ी, विज्ञान, पदक, संस्था, शीर्ष, पूज्यनीयता, गुणग्राहकता -सब कुछ।
बाकी सब दर्शक, भिक्षुक, कृपाकांक्षी, अधम, नीच, पापी।

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