क्या सुप्रीमकोर्ट को हम सब मिल सर्वोच्च सलाहकार परिषद के रूप में ही देखना चाहते है ?
एक गरिमामय निर्देशक मण्डल , आवश्यकता पड़ने पर पुलिस, क्रिकेट, पार्लियामेंट, राजनेता का पर्यवेक्षण, अनुश्रवण, एक उच्चस्तरीय मध्यस्थ मण्डल के रूप में ही देख सन्तुष्ट हो जाना ही क्या संविधान का अंतिम दर्शन है ?
क्या सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्र की समस्त चिंताओं , समस्याओं के निदान का अंतिम स्वप्नदृष्टा समाधानकारी संस्था है ?
एक गरिमामय निर्देशक मण्डल , आवश्यकता पड़ने पर पुलिस, क्रिकेट, पार्लियामेंट, राजनेता का पर्यवेक्षण, अनुश्रवण, एक उच्चस्तरीय मध्यस्थ मण्डल के रूप में ही देख सन्तुष्ट हो जाना ही क्या संविधान का अंतिम दर्शन है ?
क्या सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्र की समस्त चिंताओं , समस्याओं के निदान का अंतिम स्वप्नदृष्टा समाधानकारी संस्था है ?
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