और वह सब कुछ एक झटके में छोड़ कर जाने कहाँ चला गया, न कुछ कहा, न कुछ बताया, कुछ बोला-सुना जैसा कुछ भी तो नहीं, न कोई शिकवा, न कोई शिकायत, हममे से किसी की न उससे शिकायत, न उसकी कोई हमसे शिकायत, फिर भी वह चुपचाप ऐसे बिना बताये क्यों, कहाँ चला गया। सब कुछ छोड़ कर।
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