इस देश में बुद्धि जीवियों, कल्पनाजीवियों, कलमजीवियों और श्रमजीवियों के बीच इतने फासले क्यों ?
ये कलम जीवी अपने को सारे समाज का कर्णधार समझते हैं, और सब को महा बुद्धू। ढोर बकरी समझते हैं।खुद को महानतम युग प्रवर्तक सनझने वाले ये विचारजीवी ।
ये कलम जीवी अपने को सारे समाज का कर्णधार समझते हैं, और सब को महा बुद्धू। ढोर बकरी समझते हैं।खुद को महानतम युग प्रवर्तक सनझने वाले ये विचारजीवी ।
No comments:
Post a Comment