Monday, 6 April 2015

प्रेरक बनना ,प्रेरणा देना ,उत्तेजित करना , उन्हें बढ़ने को ,उगने को , कुछ करने को ,कर डालने को विवश करना सहज काम नहीं है .एक तो वे स्वयं संकोच में , दूसरा डरे हुए ,तीसरे पीढ़ियों के बीच की खाई , चौथे उनका आत्म विश्वास  एवं योग्यता शायद अभी प्रमाणित नहीं ,परखी नहीं गयी अभी  -शायद  वस्तुतः आवश्यक स्तर से कम -और अंत में पूर्व में उन्हें कभी किसी ने इस तरह खोदा नहीं गया है ,कोड़ा और उपजाया नहीं गया है इसके कारण संशय  -अविश्वास की स्थिति .- अनजाना भय ,नैतिकता के प्रश्न ,औचित्य का  प्रश्न .
इन सब के बीच एक नयी काम करने वाली ,नयी सोच वाली कलात्मक रचनाधर्मी पीढ़ी को जगाना ,बनाना,उसे आगे बढ़ाना ,उसे अपने आपको सौंप देना , उस पर भरोसा कर डालना ,उसके भरोसे नयी योजना बना कर पूरा करने का संकल्प ले  लेना - बड़े खतरे वाले निर्णय हैं .

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