Saturday, 11 April 2015

बढ़ो भाई ,अच्छी बात है ,आप बढ़ोगे तो अच्छा लगेगा
पर औरों को भी बढ़ने दो ,उपर चढ़ लेने दो ,शिखर तक
शिखर पर किसी  का अधिकार कभी नहीं हुआ करता
शिखर पर कितने भी कितनी भी बार पहुँचते रहते हैं
शिखर हरदम बाट  ही जोहता है एक नये विजयी का
शिखर तक  प्रस्थान करने वाले हर हौसले को नमन
बस आप अपने इर्ष्या बाण को तरकस में ही सम्भालें
बढ़ने ,उगने, चढ़ने पर आपका एकाधिकार तो नहीं है .

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