यह सब पहले कोई क्यों नहीं बताता,समझाता , दिखा देता है
सब कुछ यों ,इतना भोग कर ही क्यों जाना ,समझा देखा जाता है
या फिर हरदम इसकी इतनी बड़ी कीमत क्यों वसूली जाती रही है
यह कीमत वसूल नहीं ही करते तो क्या होता , साथ तो जायेगा नहीं
सब कुछ यों ,इतना भोग कर ही क्यों जाना ,समझा देखा जाता है
या फिर हरदम इसकी इतनी बड़ी कीमत क्यों वसूली जाती रही है
यह कीमत वसूल नहीं ही करते तो क्या होता , साथ तो जायेगा नहीं
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