बस उन्होंने उसके हाथ में कलम नहीं पहुँचने दी , मुँह से जबान वापस ले ली -अब वह केवल दौड़ता है ,-विस्तार नहीं रहा - लाल लाल आँखे किये हाथों से कुछ करने की कोशिश तो करता है - फ़ैल नहीं पाता -फैला नहीं पाता- जुड़ता भी है तो ठहर नहीं पाता ,जोड़ नहीं पाता - हाथ झूठ न कर सकते ,न पैर झूठे चला करते - झूठ केवल कलम और जुबान की पैदाईश है - वही उसकी पनाहगाह - वहीं उसकी परिवरिश होती है .
हाथ , पांव , आँख झूठ के दुश्मन .
हाँ ,हाथ पर्दे लटकाया करते है , छिपाया ,ढका करते हैं .
हाथ , पांव , आँख झूठ के दुश्मन .
हाँ ,हाथ पर्दे लटकाया करते है , छिपाया ,ढका करते हैं .
पैर भागने के भी काम आते है , सच से दूर भागने के .
हाथ आँख , कान , मुँह बंद कर सच के विस्तार को रोकने के काम आते हैं .
No comments:
Post a Comment