Tuesday, 10 March 2015

अपने विवेक-चातुर्य-साधनों का प्रयोग मैं तुम्हारे लिये कर सकूं ,बस यही एक सम्भावना तलाशते फिर रहा हूँ .
साधन तो तुम्हारे पास अपने भी हैं , मैं भी अपने सारे साधन जो तुम्हे या और लोगों को दिख रहे हैं वह सब तुम्हे उपलब्ध करवा ही रहा हूँ .- हाँ मेरे बाद मेरी चतुराई और विवेक का सम्बल तुम्हें शायद न मिले . पर हाँ , तुम्हारा अपना विवेक तो रहेगा ही .शेष साधन तो मिलते ही रहेंगे, उनका उपयोग आप की इच्छा शक्ति पर निर्भर रहेगा .

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