वार्षिक औपचारिक पूजा सुखमय ढंग से सपरिवार - पूर्वजों ,गुरुजनों ,परिवार जनों ,इष्ट मित्रों का यथायोग्य स्मरण ,वन्दन तत्पश्चात आपके हाथ का बनाया सुभोजनम --- परमात्मा वर्ष -दर वर्ष यह क्रम इसी प्रकार बनाये रखे --- मैं फिर आज याद करता हूँ पिछले वर्ष मैंने अपने बाद वालों के लिए क्या क्या किया ------
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