Monday, 27 October 2014

सच को तुमने अपने घर का नौकर बना रखा है , पाप को बना रखा है रिश्तेदार , परिवार। अपने रिश्तेदारों को ही तरह तरह से बखानते रहते हो , जब जहां मौका मिलता है स्थापित करते फिरते हो।  नौकर बनाये सत्य को आज तक जलील ही किया है या और कुछ।
पर इन सब के बाद भी सत्य जिन्दा है और रहेगा।
सत्य एक दिन साक्षात सामने भी आएगा।  पूरी शान से प्रतिष्ठा के साथ सर उठाये आएगा।
उस दिन तुम मुँह छिपाते फिरोगे।

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