कई
बार जिन्दा बचे लोंगों का जीवन मर गये लोगों से भी बदतर हो जाती है क्यों
कि हम-आप-सब उनहें किसी तरह जिन्दा बचा कर निकाल देने के बाद उनके बारे
सोचना छोड़ चुके होते हैं, जिन्दा निकालने के बाद वोट नहीं उन लोगों के
विधिक अधिकारों का पुनर्स्थापन की भी कोइ तो चिन्ता करे
|
No comments:
Post a Comment