Saturday, 1 June 2013

मेरे बचपन का बच्चा सूरज कहाँ गया,

बच्चा सूरज, कच्चा सूरज कहाँ गया ।



सुबह हुइ औ सूरज आता,लाली लाता

लाली वाला भोला सा सूरज कहाँ गया।

... दिन चढ़ जाने पर,बूढा सूरज आता है,

पक्का सूरज, आँख दिखाते आता है।



पेड़ पत्ती से आँगन अब नहीं झाँकता

पर्दे वाली खिड़की से हाँफते आता है ।

कंक्रीट के जंगलों में,दम घुटे जाता हे

कच्चा बच्चा बचपन हारते जाता है।



खोजे रहा मैं बचपन वाले सूरज को

देखा कहीँ ,मीठी धूप वाले सूरज को
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