Monday, 24 December 2018

मैं एक युद्ध हार गया। यह इस बात का प्रमाण नहीं है, न हो सकता है कि मैं गलत था या मेरे द्वारा किये जा रहे युद्ध का आधार गलत था।  युद्ध में मेरी जीत या हार अनेक कारकों के एक या अनेक प्रकार से एक ही समय में क्रियाशील या सक्रिय या निष्क्रीय होने के संयोग पर निर्भर करती है।
यदि जीवन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है तो संघर्ष भी समानान्तर चलने वाली प्रक्रिया।
हार या जीत, दोनों ही शब्दों से मुझे चिढ़ सी है।
अपनी हार से उतना मत चिढिये जितना कि अपनी जीत से।
आपकी जीत में किसी की हार छिपी होगी। किसी की भी हार आप की हार या जीत से कम  या भिन्न तो नहीं ही होगी।

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