Thursday, 10 October 2013

मैं सतरंगे सपने बेचता हूँ,
अपनी आँखों में उगाये सपने बेचता हूँ
मेरे साथ नींद लिये सपने बेचता हूँ ।
तुम्हारी नींद उड़ा दे वे सपने भेजता हूँ
मुझे जगा दिया था जिसने ,वे सपने,
आज मैं तुम्हें भेजता हूँ

सपनों को अपना बना लेना
अपनों को अपना सपना दिखा लेना
बड़ी बात है बस इसीलिये
मैं सतरंगे सपने बेचता हूँ,
वे सपने भेजता हूँ
तुम्हें भेजता हूँ

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