Thursday, 8 January 2015

मैनें तुम्हें कभी भी कुछ भी केवल इस लिये नहीं कहा  ,न सुझाया है की मैं तुमसे कुछ दशक पहले इस धरती पर जन्मा था .
मैं आपलोगों में से अधिकांश से न तो अधिक पवित्र  हूँ,न ही अधिक समझदार .
तथ्यों को जानने , समझने ,विश्लेषण करने की मेरी क्षमता  भी आप लोगों की तरह की ही है .
आप लोगो को मुझसे किसी भी तरह  से आतंकित होने की कोई आवश्यकता हो ही नहीं सकती . आप मेरे जितने या मुझसे भी अधिक समझदार हैं .
बस मैं तोआप से  आपके ज्ञान ,समझ का साझा किया चाहता हूँ .
मैं आप से कुछ और  भी सीख लेना , जान लेना चाहता हूँ .
आप सब नये हो . नया सोच सकते हो .अभी पुराने के गुलाम नहीं हुए हो . ताजा हो .मेरी तरह बासी नहीं हुए हो ..
अभी आपकी आशा के वृक्ष में नई सम्भावना पैदा होने ही वाली है .निराशा का कोई कारण ही नहीं है .
मेरी तरह  आशा की बेल की नस नस या  सब कुछ पक नहीं गया है , चूक नहीं गया है .
मुझसे  संकोच कैसा .अब सारा कुछ आप सबका ही है यदि मेरे पास कुछ आपके मतलब -प्रयोजन का है तो उसे लेने में अब देर नहीं करें ,मैं अब बहुत तो नहीं ही ठहरूंगा .

ठहरूं तो भी मुझसे  न डरे ,न झिझके . बस आगे बढ़े --- आपकी अपनी जिम्मेवारी पर .
आप मुझसे बहुत अच्छा कर सकते हैं , बहुत आगे जा सकते हैं - बस आपको मेरे सामने ही मुझसे आगे बढ़ जाना है , मैं पीछे भी रह जाऊँ तो भी !

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