आई पी अवेयरनेस पर अभी बहुत काम किया जाना है .
लगता है इस दिशा में समाज को कोइ प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया .
अनन्त नये कंसेप्ट को कोई संरक्षण ही नहीं मिलता .
जिज्ञासा को आगे बढ़ने-बढ़ाने का कोइ मैकेनिज्म ही नहीं है .
लगता है इस दिशा में समाज को कोइ प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया .
अनन्त नये कंसेप्ट को कोई संरक्षण ही नहीं मिलता .
जिज्ञासा को आगे बढ़ने-बढ़ाने का कोइ मैकेनिज्म ही नहीं है .
आई पी / इन्नोवेसन की पहचान , फार्मेटिंग ,ड्राफ्टिंग , डिस्क्लोजर ,के सम्बन्ध में कुछ भी स्थानीय भाषा,स्तर पर सुलभ ही नहीं है ,
आई पी भी सामाजिक सम्पत्ति है , राष्ट्रिय उत्पाद है , इसकी पहचान कर इसकी पूरी व्यवस्था की जनि चाहिए -यह विद्यालय स्तर ही समझाना होगा ताकि नये मस्तिष्क- नयी मेधा इस और प्रवृत्त हो
आई पी भी सामाजिक सम्पत्ति है , राष्ट्रिय उत्पाद है , इसकी पहचान कर इसकी पूरी व्यवस्था की जनि चाहिए -यह विद्यालय स्तर ही समझाना होगा ताकि नये मस्तिष्क- नयी मेधा इस और प्रवृत्त हो
.आए पी के विधिक प्रावधान समाज तक पहुँचाने होंगे - वैसे ही जैसे भू-सम्पत्ति ,चल सम्पत्ति सम्बन्धी कानून समाज को बताये गए हैं , शारीर और चल-अचल सम्पत्ति की रक्षा के अधिकार की तरह ही आई पी के कंसेप्ट को ग्रामीण मानस तक पहुंचन होगा .
अभी इस दिशा में शुरुआत तक नहीं हुई , ऐसा लगता है .
आई पी को वि आई पी तक सिमित रख कर देश को आगे नहीं बढाया जा सकता .
सभी की आई पी की पहचान ,सुरुक्षा होनी चाहिये
आई पी को वि आई पी तक सिमित रख कर देश को आगे नहीं बढाया जा सकता .
सभी की आई पी की पहचान ,सुरुक्षा होनी चाहिये
No comments:
Post a Comment