इतिहास पर तो यूँ इतना यकीन , जो रु बरु है उसी पे सवाल !
इतिहास तक रुकने की जिद्द न कर , दो कदम तो आगे चल .
ख्यालों से तो असलियत बनती नही , सवालों से क्या होगा !
ख्यालों से बाहर निकल , सब कुछ सामने हो तो क्या होगा .
इतिहास तक रुकने की जिद्द न कर , दो कदम तो आगे चल .
ख्यालों से तो असलियत बनती नही , सवालों से क्या होगा !
ख्यालों से बाहर निकल , सब कुछ सामने हो तो क्या होगा .
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