Sunday, 14 December 2014

मैं एक नया  सबेरा ले के आऊंगा ,
गर्म चाय के साथ एक नया सूरज
प्लेट की कोर पे चहचहाती गौरैया
और कांपते फड़फड़ाते दो ओठ
आँखों में अलसाये हुए से सपने
मैं उन्हें एक नई सुबह एक बार
जगाने तो आऊंगा ही ,बस एक बार .

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