Friday, 7 November 2014

जिन लोगों ने कभी कलम , कागज ,किताब , पढ़ना ,लिखना नहीं सोचा उन को बताना सिखाना और उनसे जोड़ना है -
जिन लोगों ने  कड़ी धूप में कभी पसीना बहाया ही नहीं , कभी झाड़ू , खुरपी , धुल , गरदा , कूड़ा , फावड़ा , कुदाल ,टोकरी , घास ,फूस छुआ तक भी नहीं,  सोचा तक नहीं  उन को बताना सिखाना और उनसे जोड़ना है -
केवल गंदगी पैदा करने वाले वर्ग  को बताना है कि गन्दगी हटाने का दायित्व भी उन्हीं का है जो गंदगी करते है।
भाड़े के मजदूरों के भरोसे सफाई , सुरक्षा , पढ़ाई , कमाई को नहीं छोड़ा जा सकता , खुद लगना ही पड़ेगा , लगे बिना नहीं होगा -  मरे बिना स्वर्ग नहीं दीखता

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