बचपन से ही ध्यान रखें -वे कैसे आते जाते हैं ,कैसे उठते बैठते हैं , कैसे बोलते -सुनते है और कैसे चलते -चलाते हैं।उन्हें कहाँ , कब ,क्यों उठाया बैठाया जाता है. उन्हें कहाँ ले जाया जाता है और कहाँ नहीं.
अपने प्रति ध्यान रखे -कैसे लाया गया ,कैसे ले जाया गया , कैसे बुलाया गया ,कहाँ उठाया - बैठाया गया ,कितनी देर किसके साथ ,क्या सुनाया गया ,कैसे आपको सुना गया ,आपने क्या देखा , क्या दिखाया गया क्या बोलाया गया ,कौन लिवा लाया ,कैसे लिवा लाया , कैसे भेजा -भिजवाया गया। यह सब बचपन से ही समझा जाना चाहिए।
क्या , कब ,कितना, कैसे जानना ,समझना ,करना संभालना है यही तो अभ्यास करते जाना है - यही शिक्षा का कर्म और क्रम दोनों हैं।
किससे कितना परहेज करना है , कब तक करना है क्यों करना है यही तो जानना समझना है।
बस जानना सीख लो ,जानते रहो ,जानो और करो ,करो और जानो - इत्ती सी बात तो कहता हूँ।
अपने प्रति ध्यान रखे -कैसे लाया गया ,कैसे ले जाया गया , कैसे बुलाया गया ,कहाँ उठाया - बैठाया गया ,कितनी देर किसके साथ ,क्या सुनाया गया ,कैसे आपको सुना गया ,आपने क्या देखा , क्या दिखाया गया क्या बोलाया गया ,कौन लिवा लाया ,कैसे लिवा लाया , कैसे भेजा -भिजवाया गया। यह सब बचपन से ही समझा जाना चाहिए।
क्या , कब ,कितना, कैसे जानना ,समझना ,करना संभालना है यही तो अभ्यास करते जाना है - यही शिक्षा का कर्म और क्रम दोनों हैं।
किससे कितना परहेज करना है , कब तक करना है क्यों करना है यही तो जानना समझना है।
बस जानना सीख लो ,जानते रहो ,जानो और करो ,करो और जानो - इत्ती सी बात तो कहता हूँ।
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